हिमाचल और उत्तराखंड के कई जिलों में इस समय भारी बारिश के बीच बाढ़ जैसे हालात, बादल फटने और भूस्खलन की घटनाएं सामने आ रही हैं. इस वजह से यहां व्यवस्था पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गई है.
हिमाचल प्रदेश से लेकर उत्तराखंड तक भारी बारिश की वजह से व्यवस्था पूरी तरह अस्त-व्यस्त है. हिमाचल के कई जिलों में जहां बाढ़ के हालात हैं वहीं उत्तराखंड के देहरादून में बादल फटने से अफरा-तफरी का माहौल है. कुछ ही समय पहले हिमाचल के कांगड़ा जिले में चक्की पुल के ढहने से बड़ा हादसा होते-होते बचा है. पंजाब और हिमाचल की सीमा पर चक्की नदी पर बना यह 90 साल पुराना रेलवे पुल 800 मीटर लंबा है.
चक्की नदी में भारी बारिश के बाद अचानक आई बाढ़ ने पुल के कमजोर खंभों को बहा दिया. अच्छी बात यह थी कि जिस वक्त यह हादसा हुआ उस वक्त वहां किसी तरह की आवाजाही नहीं थी. हालांकि यह पुल गिरने का दृश्य काफी डरावना है. इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
मंडी जिले के धर्मपुर में सोन खड्ड में जलस्तर बढ़ने से 2015 जैसा नजारा दिखने को मिला. धर्मपुर बस स्टैंड जलमग्न हो गया, जबकि कांढापतन में पुल के ऊपर से पानी बहने लगा था.
बता दें कि पुल का नया पिलर बनने तक पठानकोठ और जोगिंद्रनगर के बीच नैरो गेज ट्रेन सेवा बंद रहेगी. 1928 में अंग्रेजों ने ये नैरो गेज रेल लाइन शुरू की थी. यहां 7 ट्रेनें चलती थीं.
सूबे में अगले तीन दिन के लिए भी भारी बारिश का अनुमान है और 24 अगस्त तक येलो अलर्ट रहेगा. ठियोग में पेट्रोल पंप पर पत्थर गिरा है.सीएम जयराम ठाकुर ने सभी जिलाधीशों को राहत और बचाव के निर्देश दिए हैं.
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