सीएचसी मितौली क्षेत्र के गांव ककरहा में हर तरफ गंदगी की भरमार है। जलभराव से नालियां बजबजा रही हैं। इस से गांव में संक्रामक रोग फैल रहे हैं। पिछले दिनों तेज बुखार से जहां एक किशोर की मौत हो गई तो वहीं कई अन्य लोगदूसरे जिलों में अपना इलाज करवा रहे हैं। जिम्मेदारों की उदासीनता ग्रामीणों के लिए मुसीबत बनकर कहर बरपा रही है।
इस पर एक्शन के तहत सीएचसी के डॉ.शुऐब अख्तर, फार्मासिस्ट सचेंद्र वर्मा, एलटी शिवेंद्र सिंह, एमपीडब्ल्यू श्याम बाबू मिश्रा ने गांव में शिविर लगाकर 170 मरीजों का चेकअप कर दवाएं दीं। गंदगी एवं जलभराव से ग्रामीणों को निजात दिलाकर संक्रामक रोगों की रोकथाम केलिए सचिव राकेश कुमार के नेतृत्व में 20 सफाई कर्मियों की टीम गांव पहुंची।
सचिव की मौजूदगी में सफाई कर्मियों ने नालियों की सफाई कराकर कूड़े के ढेर हटवाए और एंटीलार्वा का छिड़कावकिया। उधर, गांव पहुंचे जिला मलेरिया अधिकारी ने मलेरिया इंस्पेक्टर सचिन श्रीवास्तव के साथ गांव का भ्रमण कर 82 बुखार पीड़ितों की स्लाइड बनवाई, जिसमें एक युवक मलेरिया संक्रमित मिला। उन्होंने ग्रामीणों को बुखार आदि पर आनेपर सरकारी अस्पताल से ही दवाएं लेने के लिए जागरूक किया। एडीओ पंचायत रामायन गुप्ता ने बताया कि ककरहागांव में सचिव की देखरेख में 20 कर्मचारियों की टीम भेजकर सफाई कराकर एंटी लार्वा का छिड़काव कराया गया है।
घर-घर जाकर आशा कार्यकर्ताओं ने की जांच
गांव में बुखार के प्रकोप को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट हो गया। सीएचसी अधीक्षक के निर्देश पर आशाकार्यकर्ताओं ने घर-घर जाकर बुखार पीड़ित मिलने वालों की कार्ड से मलेरिया की जांच की। हालांकि इसमें एक भीमरीज में मलेरिया की पुष्टि नहीं हुई।
ककरहा गांव में 82 लोगों की स्लाइड बनवाकर जांच कराई गई, जिसमें एक युवक मलेरिया संक्रमित मिला। एंटीलार्वाका छिड़काव कराने के लिए दवा उपलब्ध करा दी है। जरूरत पड़ने पर और मुहैया करा दी जाएगी। संक्रामक रोगों काप्रमुख कारण मच्छर और गंदगी है। इसलिए घर और उसके आस पास गंदगी और जलभराव न होने दें। - शैलेंद्र कुमार श्रीवास्तव, जिला मलेरिया अधिकारी
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