Lakhimpur Kheri: आज तिकुनिया कांड की पहली बरसी मनाई जाएगी। पिछले वर्ष तिकुनिया में हुएखूनी संघर्ष में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी। आयोजन कोलेकर कौड़ियाला गुरुद्वारे में किसानों के पहुंचने का सिलसिला जारी है।
आज तिकुनिया कांड की पहली बरसी मनाई जाएगी। पिछले वर्ष तिकुनिया में हुए खूनी संघर्ष में चार किसानों समेतआठ लोगों की मौत हो गई थी। आयोजन को लेकर कौड़ियाला गुरुद्वारे में किसानों के पहुंचने का सिलसिला जारीहै। दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और उत्तराखंड से किसान तिकुनिया पहुंचे भी हैं। सोमवार को गुरुद्वारा के बड़े हॉल में बरसीका कार्यक्रम होगा। इस दौरान केंद्रीय गृह राज्यमंत्री टेनी की बर्खास्तगी और जेल में बंद किसानों की रिहाई का प्रमुखमुद्दा उठेगा। टिकैत भी इस जमावड़े में शामिल होंगे। पुलिस ने भी सुरक्षा की पुख्ता तैयारी की है।
सोमवार को कौड़ियाला गुरुद्वारा में बरसी मनाए जाने की तैयारियां लगभग पूरी हो गई हैं। भाकियू समेत संयुक्त किसानमोर्चा के किसान गुरुद्वारा पहुंचने लगे हैं। भाकियू के यूपी उत्तराखंड के प्रभारी बलजिंदर सिंह मान, जिलाध्यक्ष दिलबागसिंह समेत बाहर से आए किसानों ने गुरुद्वारा में शरण ली है। इस दौरान कार सेवकों का गुरुद्वारे में आना शुरू हो गया है, जिसके चलते गुरुद्वारे की चहल-पहल बढ़ गई है। कौड़ियाला गुरुद्वारा के बाबा जत्थेदार बाबा काला सिंह ने बताया किगुरुद्वारा कौड़ियाला के बने दीवान हाल में बरसी कार्यक्रम संपन्न होगा।
क्षेत्रीय किसानों सहित किसान नेताओं का भी आगमन होगा। भारतीय किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष दिलबाग सिंह नेबताया कि संयुक्त किसान मोर्चा के सभी घटक दल प्रमुख रूप से शामिल होंगे। भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत भीकार्यक्रम में भाग लेंगे। सभा के बाद पीएम को संबोधित ज्ञापन डीएम को देने की तैयारी है। इसमें मंत्री टेनी कीबर्खास्तगी और समझौते के बावजूद कोई मांग न पूरी होने की बात को लेकर ज्ञापन सौंपा जाएगा। 18 अगस्त को मंडीसमिति राजापुर में भी किसानों ने इन मांगों को दोहराया था। तिकुनिया कांड में अब तक
25 सितंबर- संपूर्णानगर में मंत्री टेनी के कार्यक्रम के दौरान किसानों ने टेनी को काले झंडे दिखाए।
25 सितंबर- कार्यक्रम के दौरान किसानों के लिए टेनी ने कहा- सुधर जाओ, वरना सुधार देंगे।
26 सितंबर- दो नामजद किसानों समेत 40-45 अज्ञात पर मुकदमा दर्ज हुआ।
3 अक्तूबर- डिप्टी सीएम के कार्यक्रम की खबर पर तिकुनिया में किसान जुटने शुरू हुए।
3 अक्तूबर- तिकुनिया हिंसा में हुए खूनी संघर्ष में चार किसान समेत आठ लोगों की मौत, देर रात रिपोर्ट दर्ज।
7 अक्तूबर को सुप्रीम कोर्ट ने मामले का स्वत: संज्ञान लिया
7 अक्तूबर को पहली गिरफ्तारी हुई, लवकुश और आशीष पांडे गिरफ्तार।
9 अक्तूबर- आशीष मिश्र क्राइम ब्रांच में पेश हुए, देर रात गिरफ्तार।
12 अक्तूबर-पत्रकारों और किसानों की आत्मा की शांति के लिए तिकुनिया में अंतिम अरदास हुई।
13 अक्तूबर- अंकित दास और गनर लतीफ ने सरेंडर किया।
15 अक्तूबर- अंकित दास के लखनऊ के फ्लैट से असलहे बरामद।
18 अक्तूबर-सुमित जायसवाल समेत चार गिरफ्तार।
19 अक्तूबर- घटना में इस्तेमाल स्कॉर्पियो बरामद।
13 दिसम्बर- जांच टीम ने अदालत में हादसे की धारा हटाकर जान बूझकर हत्या करने की धारा बढ़ाने की अर्जीदी।
14 दिसंबर- सभी आरोपियों पर जांच टीम ने हत्या व हत्या की कोशिश की धारा बढ़ाई।
20 दिसम्बर- आशीष मिश्र समेत छह की जमानत अर्जी खारिज।
3 जनवरी- एसआईटी ने सीजेएम अदालत में चार्जशीट दायर की।
15 फरवरी को जेल से आशीष मिश्र की रिहाई हुई।
14 मार्च को आशीष की जमानत के खिलाफ एसकेएम सुप्रीम कोर्ट में पहुंची।
18 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने आशीष मिश्र की जमानत रद्द की।
24 अप्रैल को आशीष मिश्र ने सरेंडर किया और वापस जेल पहुंचे।
18 से 19 अगस्त के बीच राकेश टिकैत के नेतृत्व में राजापुर मंडी में किसान महापंचायत हुई।
6 सितंबर को अंकित दास को भी 15 दिन की मेडिकल पैरोल।
(source: amarujala)
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