पूर्व केंद्रीय मंत्री और नेहरू-गांधी परिवार के भरोसेमंद मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम 17 अक्टूबर को होने वाले कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए चर्चा में है. कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में राहुल गांधी की वापसी की वकालत करने वाले खड़गे का मानना है कि लोकसभा चुनाव में सिर्फ दो साल बाकी हैं तथा देश का दौरा करना और पार्टी को आगे ले जाना एक 'बहुत ही बड़ा काम' है.
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी अगर कहेंगी तो पार्टी के वरिष्ठ नेता एम मल्लिकार्जुन खड़गे भी अखिल पार्टीके अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने से गुरेज नहीं करेंगे. वरिष्ठ नेता के एक करीबी सूत्र ने बुधवार को यह बात कही. पूर्वकेंद्रीय मंत्री और नेहरू-गांधी परिवार के भरोसेमंद खड़गे का नाम 17 अक्टूबर को होने वाले कांग्रेस अध्यक्ष पद केचुनाव के लिए चर्चा में है. इस चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया 30 सितंबर तक चलेगी.
राज्यसभा में नेता विपक्ष के इस करीबी सहयोगी ने कहा, ‘खड़गे ने सोनिया गांधी को बताया है कि पार्टी जो भीफैसला लेगी, वह उसका पालन करेंगे.’ उन्होंने कहा खड़गे आखिरकार वही करेंगे जो पार्टी (सोनिया गांधी) उन्हें करनेको कहेगी.’
‘पवार-येचुरी जैसे विपक्षी नेताओं से अच्छे संबंध’ कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि खड़गे का राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) अध्यक्ष शरद पवार और सीपीएममहासचिव सीताराम येचुरी जैसे विपक्ष के नेताओं के साथ ‘अच्छा जुड़ाव और संबंध’ है जो एक ‘अतिरिक्त लाभ’ होगा और वह ‘हमेशा की तरह तेज-तर्रार भी हैं’.
वहीं एक अन्य नेता ने कहा, ‘हिंदीभाषी क्षेत्रों में भी, उनकी हिंदी के लिये लोग उन्हें पसंद करते हैं.’ 80 वर्षीय खड़गेके करीबी सूत्रों ने हालांकि यह भी कहा कि उनका मानना है कि केवल नेहरू-गांधी परिवार के पास ‘अज्ञात आकर्षणऔर करिश्मा’ है तथा पूरे देश में किसी और का उस तरह का प्रभाव नहीं है.
सूत्रोंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में राहुल गांधी की वापसी की वकालत करने वाले खड़गे का मानना है किलोकसभा चुनाव में सिर्फ दो साल बाकी हैं तथा देश का दौरा करना और पार्टी को आगे ले जाना एक ‘बहुत हीबड़ा काम’ है. करीबी सहयोगी ने कहा, ‘उन्होंने (खड़गे ने) पार्टी द्वारा कही गई किसी भी बात से इनकार नहीं किया. पार्टी ने उनका ध्यान रखा, पार्टी जो भी फैसला करेगी, वह मानेंगे.’
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