Ranbir Kapoor: हिंदी फिल्मों के सुपरस्टार रणबीर कपूर जल्द ही पिता बनने वाले हैं. गृहस्थ जीवन में प्रवेश करने से पहले रणबीर ने पिता और पुत्र के संबंध को लेकर बड़ी बात कही थी. फिल्म स्टार का बेटा होने की वजह से संभवतः उन्हें अपने पिता ऋषि कपूर का उतना सान्निध्य नहीं मिला, जिसकी ख्वाहिश बेटे को रहती है. दिवंगत ऋषि कपूर की आत्मकथा 'खुल्लम खुल्ला' की भूमिका में रणबीर ने यह स्पष्ट लिखा है.
Ranbir Kapoor Birthday: ‘मैं जब शादी करूंगा और बच्चे का पिता बनूंगा, तो नहीं चाहूंगा कि मैं अपने पापा के जैसा पिता बनूं. मैं अपनी मां के बेहद करीब रहा हूं. पापा और मम्मी के शुरुआती दांपत्य जीवन के संघर्ष को देखा है. जानता हूं कि घंटों तक शूटिंग में बिजी रहने के बाद पापा घर आकर हम बच्चों को समय नहीं दे पाते थे. बावजूद इसके वे हमारी ख्वाहिशों को पूरा करने की कोशिश में जुटे रहते थे. लेकिन उनके अत्यधिक व्यस्त रहने की जीवन शैली में अक्सर मुझे यह बात कचोटती थी कि मैं कभी उन्हें फोन करके यह नहीं पूछ सकता था कि पापा आप कैसे हैं? आज जब मैं बड़ा हो चुका हूं, मुझे भी फिल्मों में काम मिलने लगा है, तो पापा हर समय मेरे पीछे मजबूती के साथ खड़े रहते हैं. लेकिन मैं जानता हूं वे दुनिया के सामने भले ही एक मुखर और मिलनसार शख्स के रूप में आते हों, लेकिन निजी तौर पर वे अंतर्मुखी हैं. दिल की बातों को अपने भीतर ही जज्ब किए रहते हैं. खुदको कभी भी दूसरों के सामने प्रकट नहीं करते.’
ऊपर ये जो कुछ लाइनें आपने पढ़ी हैं, वह रणबीर कपूर की है. ये बातें उन्होंने अपने पिता महान अभिनेता दिवंगत ऋषि कपूरकी आत्मकथा ‘खुल्लम खुल्ला’ की भूमिका में कही हैं. गौर करने वाली बात है कि रणबीर कपूर अगले कुछ महीनोंमें पिता बनने वाले हैं. हाल ही में उन्होंने महेश भट्ट की बेटी और बॉलीवुड स्टार आलिया भट्ट के साथ शादी की है. आलिया गर्भवती हैं. ऐसे में रणबीर को उनकी ही बातें याद दिलाना फर्ज है, जो उन्होंने लिख रखा है. आज उनका जन्मदिन है.
करियर की शुरुआत यूं तो रणबीर की औपचारिक फिल्मी शुरुआत संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘सांवरिया’ से हुई. मगर पर्दे पर आने की कवायद पहले हो चुकी थी. सिनेमा के छात्र के रूप में रणबीर कपूर एक शॉर्ट फिल्म ‘कर्मा’ में अपना जौहरदिखा चुके थे, जिसे स्टूडेंट ऑस्कर के लिए भी भेजा गया था. यह शॉर्ट फिल्म साल 2004 में बनी थी.
इसके बाद वे सिनेमा लाइन में आए, तो पर्दे के पीछे की भूमिका में. भंसाली की ही फिल्म ‘ब्लैक’ में उन्होंने सहायकनिर्देशक का काम किया. अनुभव हासिल करने के लिए. भंसाली ने संभवतः तभी उन्हें चुना होगा. ‘सांवरिया’ आई, मगर फ्लॉप रही. रणबीर कपूर और सोनम कपूर इस फिल्म के मुख्य रोल में थे. दोनों को दर्शकों ने पसंद तो किया, मगर फिल्म को नहीं. इस फिल्म में अपने काम से रणबीर ने यह जता दिया था कि उनके भीतर अभिनेता है. बाद मेंजब ‘बचना ऐ हसीनों’ में वे कास्ट किए गए, तो उन्होंने अपने हुनर को साबित कर दिखाया.
सुपरस्टारों का कॉम्बो हैं रणबीर रणबीर कपूर, नई सदी के ढेर सारे कलाकारों में से एक हैं. स्टार होने की कुछ शर्तें मानी जाती हैं- जैसे मुंबई में होना, फिल्मी कनेक्शन…, ये गुण लेकर तो वे पैदा ही हुए हैं. इनके अलावा अभिनेता भी वे बेजोड़ हैं, इसका प्रमाण ‘बचनाऐ हसीनों’, ‘रॉकस्टार’, ‘बर्फी’ जैसी कई फिल्में हैं. हाल के दिनों में जरूर रणबीर की फिल्में फ्लॉप हुई हैं, लेकिनदर्शकों के दिल में उनके लिए प्यार कम नहीं हुआ है. रणबीर को देखते हुए आपको देव आनंद की याद आएगी, कभी-कभी दिलीप कुमार भी नजर आएंगे. ‘बर्फी’ जैसी फिल्मों में उनके भीतर छुपा राजकपूर भी आपको दिखा होगा.
विरासत को आगे ले जाने की जिम्मेदारी रणबीर कपूर, बॉलीवुड के उस परिवार से आते हैं जिसे हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में सम्मानित फिल्मी घराने का दर्जा मिलाहुआ है. फिल्म इंडस्ट्री में कपूर-फैमिली की वह चौथी पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिसमें करिश्मा कपूर औरकरीना कपूर भी आती हैं.
निजी और फिल्मी रिश्तेदारी दोनों में ही वे करिश्मा-करीना से जूनियर हैं. कपूर-खानदान की बहुएं भले ही गृहस्थी में जाने के बाद फिल्मी दुनिया से दूर हो जाती रही हों, लेकिन यह परिवाररूढ़िवादिता को बढ़ावा देने वालों में से नहीं है. इसलिए पहले करिश्मा और बाद में करीना इंडस्ट्री में अपना अलगमुकाम बना सकीं. शशि कपूर की बेटी संजना कपूर को भी न भूलें, जो थियेटर संसार में जाना-पहचाना नाम हैं. इसलिए रणबीर कपूर के पास सफल न होने का कोई विकल्प ही नहीं है. उनके ऊपर दोहरी जिम्मेदारी है, खुदसफल होने की और विरासत को सफलता के ट्रैक पर रखे रहने की.
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